वैसे तो कई नेता हैं जो लोकसभा चुनाव में बिहार की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन जिस शख्स पर सबसे ज्यादा नजरें टिकी होंगी वो हैं लालू प्रसाद यादव. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
लालू प्रसाद यादव
आज भी उनकी रैलियों में लोग उन्हें सुनने के लिए जुटते हैं। लालू यादव अपने अलग अंदाज और भाषण शैली से वोटरों को लुभाने की कला
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक हैं। राजनीति में उनकी बेदाग छवि और उनके निरंतर विकास कार्य ही उनका मुख्य आधार माने जाते हैं।
भले ही नीतीश कुमार विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं, लेकिन चुनाव के दौरान सबकी निगाहें उन पर रहती हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी दोनों ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार द्वारा बिहार में किए गए विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी की है.
सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी: इस वक्त बिहार बीजेपी में सम्राट चौधरी सबसे बड़े चेहरे बनकर उभरे हैं. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. अपने आक्रामक अंदाज और बिहार में संगठन पर मजबूत पकड़ के कारण सम्राट चौधरी बीजेपी के शीर्ष नेताओं के करीबी माने जाते हैं.
इसी के चलते बीजेपी बिहार में सम्राट चौधरी को ओबीसी नेता के तौर पर भी प्रचारित कर रही है. लोकसभा चुनाव में सबकी निगाहें सम्राट चौधरी पर होंगी क्योंकि उन्हें बिहार में पिछड़े वर्ग की राजनीति में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर देखा जा रहा है.
Jitan Ram Manjhi
जीतन राम मांझी: जीतन राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक हैं। जीतन राम मांझी ने बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान सबकी नजरें उन पर होंगी. दलित वोटरों के बीच उनकी अहमियत को देखते हुए एनडीए उन्हें बिहार में अपना स्टार प्रचारक बना सकती है. ताकि मांझी चुनाव न लड़ने के बाद भी दलित वोटों को अपने पाले में कर सकें. मांझी दलितों के बीच काफी लोकप्रिय माने जाते हैं. इससे एनडीए को फायदा हो सकता है.
तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव: लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव दो बार बिहार के डिप्टी सीएम रह चुके हैं. गोपालगंज विधानसभा से राजद विधायक तेजस्वी यादव ने खुद को राज्य में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में स्थापित कर लिया है. माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए के उस सपने को तोड़ सकते हैं, जिसकी उम्मीद बीजेपी बिहार में देख रही है.
दरअसल एनडीए बिहार की सभी 40 सीटें जीतना चाहती है. लेकिन उनके सामने तेजस्वी यादव खड़े हैं. तेजस्वी यादव का युवाओं के बीच काफी क्रेज है. हाल के दिनों में चाहे मामला विधानसभा के अंदर का हो या बाहर का, उन्होंने अपनी राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है.
इतना ही नहीं तेजस्वी अपनी पार्टी राजद को एमवाई समीकरण से निकालकर ए टू जेड पार्टी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वह रोजगार जैसे मुद्दों को सामने रखकर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की भी क्षमता रखता है।