Gurav Vallabh: गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होकर कहा कि वे सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते
कांग्रेस पार्टी से गौरव वल्लभ ने इस्तीफा दे दिया है। वे भाजपा के साथ थोड़ी देर बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पहुंचे।
इससे पहले, उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, इसमें मैं सहज नहीं हूँ।
मैं न तो सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूँ और न तो निरंतर विरोधी नारे लगा सकता हूँ।
यही कारण है कि मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।
वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कहा, 'नमस्कार! मैं भावुक हूँ। मन दुखी है। मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ। मैं लिखना चाहता हूँ।
मैं बताना चाहता हूँ, लेकिन मेरे संस्कार मुझे ऐसा कुछ कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट हो।
फिर भी मैं आज आपको अपनी बातें बता रहा हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि सच छिपाना भी अपराध है और मैं अपराध का भागी बनना नहीं चाहता।
"महोदय, जब मैंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, उस वक्त मेरा ध्येय सिर्फ यही था
कि आर्थिक मामलों में अपनी योग्यता व क्षमता का देशहित में इस्तेमाल करूंगा," गौरव वल्लभ ने आगे लिखा।
हम सत्ता में नहीं हैं, लेकिन हम पार्टी की आर्थिक नीति-निर्धारण को अपने मैनीफेस्टो से लेकर अन्य क्षेत्रों में देशहित में बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकते थे,
लेकिन पार्टी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया, जो मेरे जैसे आर्थिक ज्ञान वाले व्यक्ति के लिए भयानक है। मैं आज पार्टी की दिशाहीन चाल में सहज नहीं हूँ।
मैं न तो पुराने विरोधी नारे लगा सकता हूँ और न ही सुबह-शाम देश के के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूँ।
इसलिए मैं भी कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूँ। व्यक्तिगत रूप से, आपकी कृपा के लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा।