AI Technology: यह दुनिया का सातवां अजूबा है! बच्चा समय से पहले बता रहा है कि कब होगा
आजकल, AI दुनिया भर में लोकप्रिय है। अब सेंट्रल रिसर्च सेंटर हिसार देश में पहली बार भैंसों में सेंसर लगाने के लिए कंप्यूटर
और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काम कर रहा है।
यह सेंसर भैंस में देखने पर किसान और भैंस पालक बीमार होने या कोई बदलाव होने वाला है।
डॉ. अशोक बलहारा ने आगे कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इस परियोजना के लिए 15 करोड़ रुपये सीआईआरबी को देगा।
सीआईआरबी के वैज्ञानिक आईआईटी रोपड़ और ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी इस काम को पूरा करेंगे।
योजना 2029 तक पूरी होगी। भारत विश्व की 56 प्रतिशत भैंसें रखता है, इसलिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है।
और भैंसों के दूध से देश की दूध की जरूरत पूरी होती है। लोकल 18 को अधिक जानकारी देते हुए प्रमुख वैज्ञानिक ने कहा कि
भैंसों के लिए बनाए गए सेंसर मोबाइल से ही उनकी गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं।
यह मोबाइल CIRB सर्वर से कनेक्ट होगा, जो क्लाउड कंप्यूटर और AI बेस एप्लिकेशन से जुड़ा होगा.
सभी डेटा इस सर्वर से एकत्रित और विश्लेषित किया जाएगा।